
Russia Ukraine Conflict: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए यूक्रेन का युद्ध जी का जंजाल बन गया है. उन्होंने 5-6 दिन में यूक्रेन को हराने का सपना देखते हुए युद्ध छेड़ दिया, लेकिन अब 9 महीने बाद भी युद्ध जारी है. इस दौरान रूस को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. एक तरफ उसके सैनिक मारे जा रहे हैं, तो दूसरी ओर अन्य देशों के प्रतिबंधों की वजह से आर्थिक हानि हो रही है. अब जब वह युद्ध से पीछने हटने की सोच रहे हैं तो उनके अपने वफादार भी उनके खिलाफ खड़े होने लगे हैं. इसकी बानगी हाल ही में देखने को मिल रही है. दरअसल, पिछले दिनों रूसी सेना ने यूक्रेन के खेरसॉन से पीछने हटने का फैसला किया. इस फैसले से नाराज उनके सबसे बड़े राजदार ने उनकी हत्या करने जैसी बात कह दी.
टेलिग्राम पर दिखा दुगिन का गुस्सा
यहां हम बात कर रहे हैं कभी रूसी राष्ट्रपति के ब्रेन माने जाने वाले अल्ट्रा-राइट-विंग राष्ट्रवादी अलेक्जेंडर दुगिन की. कहा जाता है कि यूक्रेन पर हमला करने का विचार पुतिन को अलेक्जेंडर दुगिन ने ही दिया था. वह लगातार पुतिन के साथ खड़े थे. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों जब पुति ने खेरसॉन से सेना हटाने का फैसला किया तो वह काफी नाराज हो गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि अलेक्जेंडर दुगिन पुतिन से इतने नाराज हुए कि उन्होंने राष्ट्रपति के हत्या तक का आह्वान कर दिया. टेलीग्राम पोस्ट में दुगिन ने लिखा ‘उनकी हत्या कर दो’ . दरअसल रूस को यूक्रेन में जारी जंग में अब हर फ्रंट पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से पुतिन ने खेर्सोन से सेना हटाने का फैसला किया था. जिसके बाद से दुगिन खासे नाराज हैं. हालांकि बाद में दुगिन ने पुतिन के खिलाफ अपनी टिप्पणी को हटा लिया.
कई जगह से विरोध में उठ रही है आवाज
दुगिन के अलावा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा नियुक्त चेचन स्ट्रॉन्गमैन रमजान कादिरोव ने भी सितंबर की शुरुआत में रूसी नेतृत्व की आलोचना की थी. यूक्रेनी रक्षा खुफिया प्रमुख ने पिछले महीने दावा किया था कि वरिष्ठ रूसी अधिकारी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को हटाने के मामले पर सक्रिय रूप से चर्चा कर रहे हैं. मेजर जनरल किरिलो बुडानोव ने दावा किया कि व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन युद्ध के अंत तक पद पर बने रहने की संभावना नहीं है.
कौन हैं एलेक्जेंडर दुगिन
एलेक्जेंडर दुगिन को पश्चिमी देश राष्ट्रपति पुतिन का दिमाग भी कहते हैं. कहा जाता है कि यूक्रेन पर हमले का विचार दुगिन का ही था. उनके पास कोई औपचारिक सरकारी पद नहीं है, लेकिन सरकार के सभी बड़े फैसलों से पहले पुतिन उनसे सलाह लेते हैं. वह Tsargrad TV में पूर्व मुख्य संपादक रहे हैं. पुतिन से नजदीकी की वजह से उनकी हत्या की कोशिश भी हुई. मास्को में इसके लिए उनकी कार में विस्फोट किया गया. हालांकि इस हमले में दुगिन बाल-बाल बच गए, जबकि उनकी बेटी की मौत हो गई थी.
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