
Russia Ukraine Crisis: रूसी सेना ने जब इस साल फरवरी में यूक्रेन पर आक्रमण किया तो शुरुआती दिनों में ही उसने वहां मौजूद दुनिया के सबसे बड़े विमान को नष्ट कर दिया था. अब इस विमान के पुनर्निर्माण की योजना बनाई जा रही है. राज्य के स्वामित्व वाली एंटोनोव कंपनी द्वारा सोमवार को फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक बयान के अनुसार, उसने दूसरे एंटोनोव एएन-225 कार्गो विमान पर डिजाइन का काम शुरू कर दिया है. इस विमान को यूक्रेनी में मिरिया – “सपना” के रूप में भी जाना जाता है. हालांकि एंटोनोव ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि विस्तृत जानकारी तभी दी जाएगी जब यूक्रेन में रूस का युद्ध समाप्त हो जाएगा.
मरम्मत में अरबों रुपये होंगे खर्च
कीव के पास एक हवाई क्षेत्र में मरम्मत के दौरान फरवरी में नष्ट हुए विशाल विमान के पुनर्निर्माण के लिए कई तरह की बाधाएं हैं. एंटोनोव का अनुमान है कि 88-मीटर (290-फीट) पंखों वाले विशाल विमान के पुनर्निर्माण पर कम से कम 40,88,87,50,000 रुपये (500 मिलियन डॉलर) खर्च होंगे. पर बड़ा सवाल ये है कि पैसों का जुगाड़ कहां से किया जाएगा. क्योंकि रूस के हमले के बाद से यूक्रेन की अर्थव्यवस्था बहुत बुरे दौर से गुजर रही है.
This was the world’s largest aircraft, AN-225 ‘Mriya’ (‘Dream’ in Ukrainian). Russia may have destroyed our ‘Mriya’. But they will never be able to destroy our dream of a strong, free and democratic European state. We shall prevail! pic.twitter.com/TdnBFlj3N8
— Dmytro Kuleba (@DmytroKuleba) February 27, 2022
5 साल से अधिक समय लग सकता है
एंटोनोव की मूल कंपनी, राज्य द्वारा संचालित उक्रोबोरोनप्रोम ने शुरू में विमान के विनाश के बाद कहा था कि इसे बहाल करने में पांच साल से अधिक समय लगेगा और इसकी लागत $ 3 बिलियन से अधिक होगी. एंटोनोव ने कहा कि मूल विमान के लगभग 30% घटकों का उपयोग विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन के बाद एक नए संस्करण के निर्माण में किया जा सकता है.
इस तरह फंड जुटाने का है प्लान
एंटोनोव के जनरल डायरेक्टर यूजीन गेवरिलोव के साथ एक साक्षात्कार का हवाला दिया, जिन्होंने कहा था कि कंपनी नकद जुटाने और प्रायोजकों को आकर्षित करने के लिए जर्मनी के लीपज़िग / हाले हवाई अड्डे पर विमान के मॉडल और चित्रों जैसे माल बेचने की योजना बना रही है.
1988 में पहली बार भरी थी उड़ान
छह इंजन वाले जेट ने पहली बार दिसंबर 1988 में उड़ान भरी थी. इसका उपयोग महामारी के दौरान दुनिया भर में कोविड -19 टीकों के परिवहन के लिए किया गया था. विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा जैसे राजनीतिक हस्तियों ने इसे एक रैली के रूप में इस्तेमाल किया है, जबकि यह राष्ट्रीय टिकटों जैसी वस्तुओं पर भी दिखाई दिया है.
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