America on India and Russia Oil Deal: अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन इस सप्ताह के अंत में अमेरिका-भारत आर्थिक एवं वित्तीय साझेदारी में शामिल होने के लिए भारत आएंगी. इस दौरान वह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगी. भारत आने से पहले उन्होंने एक इंटरव्यू में भारत-अमेरिकी संबंध और मौजूदा समय में रूस और भारत के बीच चल रहे तेल की डील पर खुलकर बात की.  

प्रस्तावित मूल्य से होगा फायदा

उन्होंने रूस को कंट्रोल करने के लिए तेल पर लाए जा रहे प्रस्तावित मूल्य के बारे में कहा कि इससे भारत को फायदा होगा. साथ ही उन्होंने जोड़ा कि अमेरिका नहीं चाहता कि रूस युद्ध से ‘अनावश्यक रूप से लाभ’ उठाकर तेल की बढ़ी हुई कीमतों का आनंद लेता रहे. गौरतलब है कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है.

रूसी तेल की वैश्विक आपूर्ति जारी रखना मकसद

भारत और चीन जैसे विकासशील देश बड़ी मात्रा में रियायती कीमतों पर रूस से तेल खरीद रहे हैं. दूसरी ओर पश्चिमी देश रूसी ऊर्जा पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं. येलेन ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि रूसी तेल की वैश्विक बाजारों की आपूर्ति जारी रहे, लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि युद्ध के कारण कीमतों में बढ़ोतरी से रूस को अनुचित लाभ न हो.’ उन्होंने कहा कि मूल्य सीमा से खासतौर से उन देशों को फायदा मिलेगा, जो रूस से सस्ता तेल खरीदते हैं. बता दें कि भारत अपनी पेट्रोलियम जरूरतों का लगभग 85 प्रतिशत आयात से पूरा करता है. भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत है, जबकि इस साल मार्च तक यह आंकड़ा सिर्फ 0.2 प्रतिशत था.

भारत संग व्यापार बढ़ने की काफी संभावनाएं 

जेनेट येलेन ने भारत और अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत लोकतांत्रिक मूल्यों में पक्का यकीन रखते हैं और खासतौर से ‘भू-राजनीतिक जोखिमों के इस समय’ में नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. येलेन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को मजबूत करने के प्रयासों, जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों, वैश्विक जलवायु महत्वाकांक्षाओं और जलवायु वित्त पर चर्चा करेंगे.’

बातचीत से दोनों देशों के कामकाजी वर्ग को होगा फायदा

येलेन ने बताया, ‘हमें निश्चित रूप से अपने व्यापार संबंधों को अधिक मजबूत बनाने की उम्मीद है. हमें लगता है कि हमारे व्यापार में वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं, जिससे दोनों देशों के कामकाजी वर्ग को लाभ होगा.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि हम निम्न और मध्यम आय वाले देशों में बढ़ती ऋण कमजोरियों और इसे संभालने के उपायों पर भी चर्चा करेंगे.’ उन्होंने आगे कहा, ‘यदि भारत बीमा जैसी पश्चिमी वित्तीय सेवाओं का उपयोग करना चाहता है, तो मूल्य सीमा उनकी खरीद पर लागू होगी. हमारा मानना ​​है कि मूल्य सीमा से उन्हें वैश्विक बाजारों में अच्छी छूट पाने का मौका मिलेगा. हमें उम्मीद है कि भारत को इस कार्यक्रम से फायदा मिलेगा.’

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