Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से राज्य में सियासी उठापठक जारी है. इस क्रम में कांग्रेस को मंगलवार को बड़ा झटका लगा है. चुनाव से पहले विपक्षी कांग्रेस को झटका देते हुए वरिष्ठ विधायक मोहन सिंह राठवा ने पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है. 78 वर्षीय राठवा ने अपना इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर को भेजा. दिग्गज आदिवासी नेता राठवा विधानसभा के दस बार सदस्य हैं और वर्तमान में मध्य गुजरात में छोटा उदयपुर (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. 2012 से पहले, उन्होंने छोटा उदयपुर जिले में पावी-जेटपुर (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.

राठवा ने की थी ये घोषणा

हाल ही में राठवा ने घोषणा की थी कि वह अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए टिकट नहीं मांगेंगे, बल्कि चाहते थे कि पार्टी उनके बेटे राजेंद्र सिंह राठवा को उनकी सीट से मैदान में उतारे. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद नारन राठवा ने भी कथित तौर पर अपने बेटे के लिए उसी सीट से टिकट मांगा है. गुजरात में दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को मतदान होगा. मतों की गिनती आठ दिसंबर को होगी.

भाजपा से मिलेगा टिकट?

अपना त्याग पत्र भेजने के बाद, राठवा अहमदाबाद में गुजरात भाजपा कार्यालय पहुंचे. जहां उन्हें राज्य महासचिव भार्गव भट्ट और प्रदीप सिंह वाघेला ने पार्टी में शामिल किया. समारोह में राठवा के बेटे राजेंद्र सिंह और रंजीत सिंह भी भाजपा में शामिल हुए. यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए टिकट देगी, राठवा ने दावा किया कि वे इस बारे में 100 प्रतिशत आश्वस्त हैं. राठवा ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि हालांकि, मैंने टिकट नहीं मांगा है. मैं अब बूढ़ा हो रहा हूं. मेरा बेटा राजेंद्रसिंह एक इंजीनियर है. वह बीई सिविल है. उसे लग रहा था कि हमें भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए.

क्यों लिया कांग्रेस छोड़ने का फैसला?

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कांग्रेस छोड़ इसलिए दी क्योंकि पार्टी ने उनके बेटे को टिकट नहीं दिया? राठवा ने जवाब दिया कि कांग्रेस के निर्णय लेने से पहले उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी नहीं कहा कि वे मुझे (मेरे बेटे के लिए) टिकट नहीं देंगे. मैंने कांग्रेस के इस बारे में कुछ भी कहने से पहले फैसला किया. मैं हमारे आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए कार्यों से प्रभावित था. यही कारण है कि मैंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया.

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(एजेंसी इनपुट के साथ)

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