दिल्ली हाईकोर्ट

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– फोटो : एएनआई

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दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दो विदेशी नागरिकों की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें अंतर-धार्मिक जोड़ों से संबंधित भारतीय विवाह कानून के तहत अपने इच्छित विवाह के आयोजन और पंजीकरण की मांग की गई है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस यशवंत वर्मा की एकल पीठ ने याचिकाकर्ताओं के साथ-साथ दिल्ली सरकार को अपना पक्ष रखने का छूट देते हुए कहा कि सरकार के लिए किसी भी अंतर-धार्मिक विदेशी जोड़े की शादी को रोकना संभव नहीं है। 

याचिकाकर्ताओं में से महिला हिंदू कनाडाई नागरिक है, जिसके पास भारतीय विदेशी नागरिकता (ओसीआई) कार्ड है और दूसरा ईसाई अमेरिकी नागरिक है। जस्टिस वर्मा ने 15 दिसंबर को याचिका सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

सुनवाई में दोनों पक्षों के तर्क 
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल दो अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते हैं और छह महीने से अधिक समय से दिल्ली में रह रहे हैं। वे विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपनी शादी रचाने और उसे पंजीकृत करने का इरादा रखते हैं, लेकिन इसके लिए वे ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ हैं, क्योंकि वेबसाइट पर कम से कम एक पक्ष का भारतीय होना अनिवार्य है। 

विस्तार

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दो विदेशी नागरिकों की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें अंतर-धार्मिक जोड़ों से संबंधित भारतीय विवाह कानून के तहत अपने इच्छित विवाह के आयोजन और पंजीकरण की मांग की गई है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस यशवंत वर्मा की एकल पीठ ने याचिकाकर्ताओं के साथ-साथ दिल्ली सरकार को अपना पक्ष रखने का छूट देते हुए कहा कि सरकार के लिए किसी भी अंतर-धार्मिक विदेशी जोड़े की शादी को रोकना संभव नहीं है। 

याचिकाकर्ताओं में से महिला हिंदू कनाडाई नागरिक है, जिसके पास भारतीय विदेशी नागरिकता (ओसीआई) कार्ड है और दूसरा ईसाई अमेरिकी नागरिक है। जस्टिस वर्मा ने 15 दिसंबर को याचिका सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

सुनवाई में दोनों पक्षों के तर्क 

याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल दो अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते हैं और छह महीने से अधिक समय से दिल्ली में रह रहे हैं। वे विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपनी शादी रचाने और उसे पंजीकृत करने का इरादा रखते हैं, लेकिन इसके लिए वे ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ हैं, क्योंकि वेबसाइट पर कम से कम एक पक्ष का भारतीय होना अनिवार्य है। 

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