

दिल्ली विश्वविद्यालय
– फोटो : फाइल फोटो
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दिल्ली विश्वविद्यालय में बुधवार को शैक्षणिक सत्र 2022-23 का आगाज हुआ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इस बार लागू किए गए चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम के छात्र-छात्राओं का पहला बैच कॉलेज पहुंचा। कोरोना महामारी के बाद यह पहला मौका था जब नए छात्रों के पहुंचने से कैंपस गुलजार रहा। स्कूल के बाद कॉलेज पहुंचकर छात्रों के जीवन का नया अध्याय शुरु हुआ। इस कारण से उनके मन में झिझक और घबराहट थी, जो कि सीनियर के दोस्ताना व्यवहार से दूर हो गई। कॉलेज के पहले दिन के डर को दूर करने के लिए बड़ी संख्या में अभिभावक भी कैंपस पहुंचे।
सत्र के पहले दिन कॉलेज नए विद्यार्थियों का पारंपरिक तरीके से तिलक लगाकर कॉलेज में प्रवेश हुआ तो कहीं मुंह मीठा कराकर एंट्री हुई। सत्र का पहला दिन कॉलेज में ओरिएंटेशन के नाम रहा। कॉलेजेस ने अपने-अपने तरीके से उन्हें परिचित कराया। वहीं, पहला दिन सेल्फी लेने व नए दोस्त बनाने में बीता।
ऐसे में पूरा दिन कॉलेजों में मस्ती की पाठशाला चलती रही। कॉलेज पहुंचे अभिभावकों के लिए भी अलग से बैठने की व्यवस्था थी। कॉलेजों में लोकल छात्रों से ज्यादा बाहरी राज्यों के छात्र ही दिखाई दिए। छात्रों के पहुंचने से कैंपस की चहल-पहल पूरी तरह से लौट आई। अभी तक दूसरे व तृतीय वर्ष के छात्र ही कॉलेजों में आ रहे थे।
मस्ती और ओरिएंटेशन के नाम रहा पहला दिन
नए सत्र का पहला दिन कॉलेजों में ओरिएंटेशन के नाम रहा। नॉर्थ और साउथ कैंपस सहित तमाम कॉलेजों में छात्रों के स्वागत के लिए कॉलेजों को सजाया गया, तो कुछ जगह रंगोली बनाई गई। कॉलेज प्रिंसिपल ने ओरिएंटेशन के लिए कॉलेज परिसर में अलग से व्यवस्था की थी। इसमें उन्हें चार वर्षीय प्रोग्राम, कॉलेज, सोसाइटी, कक्षाओं, लैब व अन्य जानकारी दी गई। ओरिएंटेशन के बाद विद्यार्थियों को कॉलेज के माहौल, कक्षाओं व शिक्षकों से भी परिचित कराया गया। पहले दिन ही कुछ जगह टाइम टेबल भी दे दिए गए। पहले दिन ही कुछ कॉलेजों में कक्षाएं भी शुरु हो गयी।
स्टाइलिश आउटफिट अलग अंदाज में नजर आए छात्र
नए सत्र के पहले दिन डीयू रैंप था तो फ्रेसर्श मॅाडल नजर आ रहे थे। बुधवार को शुरू हुए नए सत्र के पहले दिन लड़कियों के साथ लड़के भी स्टाइलिश आउटफिट पहनकर अलग अंदाज में पहुंचे। लड़कों ने कपड़ों पर भी काफी एक्सपेरिमेंट किया। लड़कियों की तरह लड़के भी कॉलेज में टी-शर्ट, ट्रेंडी जींस, कार्गो पैंट में नजर आए। कैंपस में एक से एक बढ़कर फैशन ट्रेंड दिखाई दिए।
सीयूईटी ने मनपसंद कॉलेज में पढ़ाई करने का सपना पूरा किया
डीयू में बीते साल तक कॉलेजों की सौ फीसदी कटऑफ मनपसंद कॉलेज में पढ़ने के सपने से दूर कर देती थी। इस बार दाखिले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट (सीयूईटी) के आधार पर हो रहे हैं। इससे छात्रों का मनपसंद कॉलेज में पढ़ने का सपना पूरा हुआ है। बारहवीं में कम अंक होने के बावजूद उन्हें बेहतर कॉलेज और कोर्स मिला है। छात्रों का कहना है कि हाई कटऑफ कॉलेजों से दूर कर सकती थी।
वहीं अभिभावक दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा को ही ठीक बता रहे हैं। दिल्ली की राशि के बारहवीं में 90 फीसदी अंक थे। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उन्हें डीयू के किसी टॉप कॉलेज में अंग्रेजी में दाखिला मिल जाएगा लेकिन सीयूईटी (प्रवेश परीक्षा) के कारण उन्हें रैकिंग में नंबर वन मिरांडा कॉलेज में दाखिला मिल गया। पहली बार यह सिस्टम आया है इसलिए थोड़ी दिक्कत हुई होगी।
असम की जिमोनी कहती है कि सीयूईटी से दाखिला सही है। यदि बारहवीं में स्कोर अच्छा नहीं किया और सीयूईटी में स्कोर ठीक रहा है तो दाखिला हो सकता है। इससे पारदर्शिता भी रहेगी। कट ऑफ से दाखिले को लेकर उन्हें संशय था। छतीसगढ़ निवासी एक अभिभावक यशवंत कहते हैं कि सीयूईटी के कारण उनकी बेटी को मिरांडा हाउस में दाखिला मिल गया। वहीं, सीयूईटी के कारण कॉलेजों में इस बार किसी एक राज्य बोर्ड के छात्रों का दबदबा देखने को नहीं मिला।
अपने पसंदीदा कॉलेज में आना है सुखद अनुभव: प्रो योगेश
डीयू के नए शैक्षणिक स्तर शुरु होने पर कुलपति प्रो योगेश सिंह ने अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में आए सभी नए विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि इस शैक्षणिक सत्र से एनईपी 2020 के तहत शिक्षण शुरू होगा। यह पहला अवसर है जब सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश हुआ है। विद्यार्थियों के लिए नए सत्र में अपने पसंदीदा कालेजों में आना बहुत ही सुखद अनुभव होता है। कुलपति ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे निश्चिंत होकर अपने कॉलेज परिसर में जाएं। डीयू पूर्णतया रैगिंग फ्री है।
डीयू में अब ऑनलाइन जमा होगी पीएचडी की थीसिस
दिल्ली विश्वविद्यालय में पीएचडी डिग्री पूरी करने से पहले थीसिस अब ऑनलाइन जमा होगी। अब तक थीसिस को ऑफलाइन जमा कराना पड़ता था। डीयू ने इस साल से नया सिस्टम लागू किया है। इस सिस्टम के तहत एक पोर्टल भी तैयार किया गया है। कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने इस पोर्टल को लॉन्च किया। ऑनलाइन थीसिस जमा कराने के लिए शोधार्थी को पहले पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
डीयू परीक्षा शाखा डीन प्रो. डीएस रावत ने बताया कि अब पीएचडी की थीसिस जमा कराने के लिए पंजीकरण करना होगा। इसके बाद सुपरवाइजर इस आवेदन को स्वीकृति देंगे। डिपार्टमेंट रिसर्च कमेटी (डीआरसी) की स्वीकृत परीक्षकों द्वारा इस थीसिस को परीक्षा विभाग में ऑनलाइन जमा कराया जाएगा। दस्तावेज के सत्यापन के बाद शोधार्थी थीसिस फीस का भुगतान करेंगे।
इसे विभागाध्यक्ष स्वीकृति देंगे। विभागाध्यक्ष की मंजूरी के बाद परीक्षा शाखा दस्तावेज का सत्यापन कर परीक्षक की एक सूची कुलपति को भेजेगी। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुलपति की स्वीकृति से पीएचडी के रिजल्ट जारी किए जाएंगे। विद्यार्थी पोर्टल पर जाकर इन्हें देख सकेंगे।
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दिल्ली विश्वविद्यालय में बुधवार को शैक्षणिक सत्र 2022-23 का आगाज हुआ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इस बार लागू किए गए चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम के छात्र-छात्राओं का पहला बैच कॉलेज पहुंचा। कोरोना महामारी के बाद यह पहला मौका था जब नए छात्रों के पहुंचने से कैंपस गुलजार रहा। स्कूल के बाद कॉलेज पहुंचकर छात्रों के जीवन का नया अध्याय शुरु हुआ। इस कारण से उनके मन में झिझक और घबराहट थी, जो कि सीनियर के दोस्ताना व्यवहार से दूर हो गई। कॉलेज के पहले दिन के डर को दूर करने के लिए बड़ी संख्या में अभिभावक भी कैंपस पहुंचे।