गुरुग्राम के सेक्टर-109 स्थित चिनटेल्स पैराडाइसो सोसाइटी में हादसा ग्रस्त हुए डी टावर को अब पूरी तरह ध्वस्त किया जाएगा। इसकी जांच के लिए गठित की गई कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस रिपोर्ट में टावर में ढांचागत कमियों सहित क्लोराइड युक्त पानी का निर्माण में इस्तेमाल, खराब निर्माण और जंग लगे सरिया को पेंट करके इस्तेमाल करने जैसी बड़ी खामियां बताई गई हैं। इसके साथ ही ई और एफ टावर को भी पूरी तरह खाली करके उसकी भी आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों से जांच कराई जाएगी, जिसकी रिपोर्ट एक महीने के अंदर प्रशासन के पास आ जाएगी।

इस संबंध में आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है। साथ ही एडीसी विश्राम कुमार मीणा की अध्यक्षता में गठित की गई जांच समिति ने भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। शनिवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि जो रिपोर्ट मिली है उसके मुताबिक डी टावर में ढांचागत कमियां थीं इसलिए उसका स्लैब गिरा और हादसा हुआ था। 10 फरवरी 2022 को छठी मंजिल के फ्लैट की छत गिरने से हुए हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई थी।
इसके लिए चिनटेल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और मनीष स्विचगेयर कंपनी को जिम्मेदार ठहराया गया है। यह भी साफ हुआ है कि निर्माण कार्य में क्लोराइड युक्त पानी का इस्तेमाल किया गया है। ऐसा क्यों किया गया और किसने किया, इस बात की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
नोएडा के ट्विन टावर गिराने को ध्यान में रखा जाएगा
डी टावर गिराने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि नोएडा के ट्विन टावर को गिराने की प्रणाली को भी ध्यान में रखा जाएगा। इसके लिए नोएडा प्रशासन से भी संपर्क किया गया है। सोमवार को डी टावर गिराने के आदेश विधिवत जारी कर दिए जाएंगे। यह आदेश डेवलपर्स के पास भी पहुंच जाएंगे।
आपस में कीमत तय कर लें या हमारी तय कीमत करें स्वीकार
डी टावर में कुल 64 फ्लैट हैं। इन फ्लैटों के मालिकों के दावों को निस्तारित करने के लिए भी प्रशासन ने व्यवस्था की है। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि एक तरीका तो यह है कि मालिक और बिल्डर आपस में ही सहमति से फ्लैट की कीमत तय कर लें और लेनदेन कर लें। हम इसके लिए समय सीमा निर्धारित करेंगे। दूसरा तरीका यह है कि प्रशासन ने फ्लैट और उसमें हुए इंटीरियर आदि के काम के लिए अपने दो स्वतंत्र मूल्यांकन करने विशेषज्ञ नियुक्त किए थे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। उन्होंने किस फ्लैट की क्या कीमत तय की है इसकी सार्वजनिक घोषणा फ्लैट मालिकों के साथ प्रशासन की बैठक के बाद कर दी जाएगी। मूल्यांकन करने वालों ने जो कीमत तय की है, वह डेवलपर्स को देनी होगी। अगर फ्लैट मलिक को लगता है कि उसके फ्लैट ज्यादा कीमत का है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।