मां महागौरी पूजा सामग्री और विधि

मां महागौरी पूजा सामग्री और विधि
– फोटो : अमर उजाला

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Shardiya Navratri 2022 8th Day Maa Mahagauri Puja Samagri: नवरात्रि की अष्टमी तिथि मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा अराधना के लिए समर्पित है। इस दिन व्रत रखा जाता है और मां दुर्गा के साथ महागौरी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा भाव से जो कोई भी व्यक्ति व्रत रखता है और मां महागौरी की उपासना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मां महागौरी को ममता की मूरत कहा जाता है। मां महागौरी करुणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल स्वभाव वाली हैं। चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण किए हुए हैं। वहीं दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं। कल यानी 03 सितंबर को अष्टमी तिथि के दिन मां महागौरी की पूजा की जाएगी। ऐसे में आइए जानते हैं मां को प्रसन्न करने के लिए पूजा की विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट के बारे में… 

पूजा सामग्री की लिस्ट
लाल चुनरी, लाल वस्त्र, मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी/ तेल, धूप, नारियल, साफ चावल, कुमकुम, फूल, देवी की प्रतिमा या फोटो, पान, सुपारी, लौंग,
इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर, फल-मिठाई, कलावा आदि। 

मां महागौरी पूजा विधि
मां महागौरी की पूजा के लिए चौकी यानी बाजोट पर देवी महागौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। फिर गंगा जल से शुद्धिकरण करें। चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें।

चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका यानी 16 देवियां, सप्त घृत मातृका यानी सात सिंदूर की बिंदी लगाकर स्थापना करें। इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा माता महागौरी सहित सभी स्थापित देवताओं की पूजा करें। आखिर में आरती और मंत्र जाप जरूर करें। 

हवन के बिना अधूरी है पूजा 
मान्यता है कि नवरात्रि में अष्टमी के दिन हवन के बिना पूजा का फल नहीं मिलता है। इसलिए इस दिन हवन जरूर करें। हवन के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि आहुति की सामग्री हवन कुंड से बाहर इधर-उधर नहीं गिरनी चाहिए। 

विस्तार

Shardiya Navratri 2022 8th Day Maa Mahagauri Puja Samagri: नवरात्रि की अष्टमी तिथि मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा अराधना के लिए समर्पित है। इस दिन व्रत रखा जाता है और मां दुर्गा के साथ महागौरी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा भाव से जो कोई भी व्यक्ति व्रत रखता है और मां महागौरी की उपासना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मां महागौरी को ममता की मूरत कहा जाता है। मां महागौरी करुणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल स्वभाव वाली हैं। चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण किए हुए हैं। वहीं दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं। कल यानी 03 सितंबर को अष्टमी तिथि के दिन मां महागौरी की पूजा की जाएगी। ऐसे में आइए जानते हैं मां को प्रसन्न करने के लिए पूजा की विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट के बारे में… 

पूजा सामग्री की लिस्ट

लाल चुनरी, लाल वस्त्र, मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी/ तेल, धूप, नारियल, साफ चावल, कुमकुम, फूल, देवी की प्रतिमा या फोटो, पान, सुपारी, लौंग,

इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर, फल-मिठाई, कलावा आदि। 

मां महागौरी पूजा विधि

मां महागौरी की पूजा के लिए चौकी यानी बाजोट पर देवी महागौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। फिर गंगा जल से शुद्धिकरण करें। चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें।

चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका यानी 16 देवियां, सप्त घृत मातृका यानी सात सिंदूर की बिंदी लगाकर स्थापना करें। इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा माता महागौरी सहित सभी स्थापित देवताओं की पूजा करें। आखिर में आरती और मंत्र जाप जरूर करें। 

हवन के बिना अधूरी है पूजा 

मान्यता है कि नवरात्रि में अष्टमी के दिन हवन के बिना पूजा का फल नहीं मिलता है। इसलिए इस दिन हवन जरूर करें। हवन के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि आहुति की सामग्री हवन कुंड से बाहर इधर-उधर नहीं गिरनी चाहिए। 

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