राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार इतनी बड़ी योजनाएं लाती है, फिर भी दवाई बाहर से लाने की बात सामने आए, तो अच्छा नहीं रहता है। मैं जिलों के दौरे पर जाऊंगा, तो मरीजों से फीडबैक लूंगा। सीएम गहलोत ने आईएएस अधिकारी नवीन महाजन से कहा- पहले वाली प्रक्रिया से उलट चले, आपका PWD विभाग अस्पतालों का सर्वे करवाकर काम करावे। अस्पतालों के प्रस्ताव का इंतजार नहीं करना है। सीएम गहलोत ने कहा कि अगर अस्पतालों में सफाई न हो, गंदगी हो तो क्या बीतती होगी मरीजों पर। सीएम गहलोत ने आज मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य के क्रियाशील एवं नवनिर्मित मेडिकल काॅलेजों के प्राचार्यों के साथ मीटिंग की। 

राइट टू हैल्थ बिल का विरोध शुरू कर दिया

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राइट टू हैल्थ बिल लेकर आए, कुछ प्राइवेट वालों ने विरोध किया। इसके बाद यह विधानसभा में रुक गया। इतना पैसा कमाते है ये लोग, कुछ तो आगे आना चाहिए। प्राइवेट अस्पतालों में लूट की छूट नहीं दी जा सकती। लूट मचा रखी है। इन लोगों ने। पीजी में एक करोड़, दो करोड़, पता नहीं कितने पैसे लगाते हैं। निजी मेडिकल काॅलेज खुल रही है। पैसा कमा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने तो पहले एक-डेढ़ लाख पर भी रोक की बात कही थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट को पूछना चाहिए कि एक-डेढ़ लाख अब कहां पहुंच गए। 

मानवीय दृष्टिकोण रखना चाहिए

सीएम गहलोत ने मेडिकल प्राचार्यों पर चुटकी लेते हुए कहा- डाॅक्टर्स साहब कुछ बोल नहीं रहे हैं। सीएम ने सभी मेडिकल काॅलेजों को प्राचार्य को अपने आवास पर लंच दिया। सीएम गहलोत ने कहा कि कई निजी अस्पतालों में मरीजों से खुली लूट होती है। इन अस्पतालों के डाॅक्टरों से बात करनी चाहिए। महंगाई के इस दौर में मानवीय दृष्टिकोण रखना चाहिए। ऐसे अस्पतालों को चिन्हित कर इनकी जांच करनी चाहिए। 



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