
Airbus C-295: गुजरात के वडोदरा इंडियन एयरफोर्स के लिए C-295 एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चर किए जाएंगे. इसके लिए टाटा की एयरबस के साथ एक डील हुई है. इस डील के तहत गुजरात में C-295 एयरक्राफ्ट बनाए जाएंगे. रक्षा सचिव अजय कुमार ने इसकी जानकारी दी. ‘मेक इन इंडिया’ और घरेलू विमानन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के वडोदरा में 30 अक्टूबर को इसकी आधारशिला रखेंगे. पहले 16 फ्लाई-अवे C-295 MW विमान सितंबर 2023 और अगस्त 2025 के बीच प्राप्त होने वाले हैं. पहला ‘मेड इन इंडिया’ विमान सितंबर 2026 से आने की उम्मीद है.
क्या है C-295 MW एयरक्राफ्ट?
C-295 MW समकालीन तकनीक के साथ 5-10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है, जो वायुसेना के पुराने एवरो विमान की जगह लेगा. इसमें त्वरित प्रतिक्रिया और सैनिकों और कार्गो के पैरा ड्रॉपिंग के लिए एक रियर रैंप दरवाजा है. आधा तैयार सतहों से कम टेक-ऑफ/लैंड इसकी एक और विशेषता है. विमान भारतीय वायुसेना की रसद क्षमताओं को मजबूत करेगा. समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल शामिल होंगे.
2021 में खरीद को मिली थी मंजूरी
सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने 8 सितंबर, 2021 को एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एस.ए., स्पेन से 56 सी-295एमडब्ल्यू परिवहन विमान की खरीद को मंजूरी दी थी. 24 सितंबर, 2021 को रक्षा मंत्रालय ने संबंधित उपकरणों के साथ विमान के अधिग्रहण के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एस.ए. के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए.
रक्षा सचिव ने दी जानकारी
रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने गुरुवार को कहा, अनुबंध के हिस्से के रूप में 16 विमान उड़ान भरने की स्थिति में वितरित किए जाएंगे और 40 का निर्माण भारत में भारतीय विमान ठेकेदार, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के टाटा कंसोर्टियम और टाटा कंसल्टेंसी सेवाएं (टीसीएस) द्वारा टीएएसएल के नेतृत्व में किया जाएगा. यह अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में एक सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा. परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये है. विमान का इस्तेमाल नागरिक उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है.
स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से किया जाएगा लैस
सभी 56 विमानों को भारतीय डीपीएसयू – भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस किया जाएगा. IAF को 56 विमानों की डिलीवरी पूरी होने के बाद एयरबस डिफेंस एंड स्पेस को भारत में निर्मित विमान को सिविल ऑपरेटरों को बेचने की अनुमति दी जाएगी और उन देशों को निर्यात की जाएगी, जिन्हें भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है.
(इनपुट- आईएएनएस)
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